Friday, March 31, 2017

माता की मूर्ति पर पसीना ,समझो मनोकामना पूर्ण

माता के दर से कोई खाली हाथ नहीं जाता
 हिमाचल प्रदेश जिसे देवी देवताओं की भूमि कहा जाता है यंहा पर कई शक्तिपीठ स्थापित है। यही कारण है कि आजकल नवरात्रों में हिमाचल की भूमि पर लाखों श्रद्धालु पँहुचते हैं। आज हम जानेंगे हिमाचल के चम्बा में स्थित माता भलेई के बारे में।
भलेई माता:-
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर चोहड़ा डैम के नजदीक शक्तिपीठ भलेई माता का मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। माता रानी को यहां पर भलेई को जागती ज्योत के नाम से भी पुकारते हैं। यहां पर पूरे साल ही भक्‍तों का आना जाना लगा रहता है।

मन्नत पूरी होने का संकेत है पसीना:-
ये अपने आप में एक रोचक बात है कि यंहा माता रानी उसी समय भक्तो की इच्छा पूर्ण करने का संकेत दे देती है।
स्थानीय मान्यता है कि अगर मन्नत मांगते समय मां की मूर्ति पर पसीना आ जाए तो भक्‍तों की मुराद अवश्य पूरी होती है। दिन में कई बार माता को पसीना आता है और भक्त ख़ुशी से जयकारे लगाते हैं।  ऐसे में भक्त यहीं पर बैठकर मां की मूर्ति पर पसीना आने का घंटों इंतजार किया करते हैं क्‍योंकि ऐसा मानना है कि पसीने के समय जितने भक्‍त मौजूद होते हैं उन सबकी मुराद पूरी हो जाती है।
मंदिर की स्थापना से जुड़ी है यह कहानी:-

इस मंदिर के स्‍थापना के बारे में कहा जाता है ये माता स्वयं ही भ्राण नामक स्थान पर एक बावड़ी में यह माता प्रकट हुई थीं। इसलिए इसे स्वयंभू माता भी कहा जाता है उस समय उन्‍होंने चंबा के राजा प्रताप सिंह को सपने में दर्शन देकर उन्‍हें चंबा में स्‍थापित करने का आदेश दिया था। राजा जब मां की प्रतिमा को लेकर जा रहे थे तो उन्‍हें भलेई का स्‍थान पसंद आ गया। इस पर माता ने पुन: राजा को स्‍वप्‍न में वहीं भलेई में स्‍थापित करने को कहा।

भलेई में बनवाया मंदिर:-
स्वप्न में मां द्वारा दी गई आज्ञा के अनुसार राजा ने मां की वहीं पर एक मंदिर बनवाकर देवी प्रतिमा को स्थापित करवा दिया। नवरात्रों के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भक्त आते हैं।

पहले वर्जित था महिला प्रवेश:-
शुरु में कुछ समय महिलाओं का प्रवेश वर्जित रखा गया लेकिन समय के साथ यह परंपरा खत्म हो गई और वर्तमान में सभी लोग बिना किसी तरह के भेदभाव के मंदिर में दर्शन करते हैं। अपने दर्शनों के लिए आने भक्तों की मां इच्छा अवश्य पूरी करती है।

चोरों को कर दिया अँधा:-

कहते हैं कि आज से लगभग 45 वर्ष पहले लगभग 1973 के आसपास इस मंदिर में चोरों ने माता की मूर्ति और अन्य कीमती सामान चुरा लिया परन्तु वो उस सामान को चुरा कर अधिक दूर न जा सके जैसे ही वह पास लगते चोहड़ा में दरिया को पार करने लगे तो उनकी आँखों की रौशनी चली गयी। चोर घबरा गए और डर कर वंही सामान रख कर चले गए।
हिमाचल में इस मंदिर के दर्शन के मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो जरूर आएं किसी भी प्रकार की मदद के लिए मैं तैयार हूं सेवा का मौका दें मेरे नम्बर पर सम्पर्क करें।
लेखक परिचय
आशीष बहल चुवाड़ी जिला चम्बा हि प्र
अध्यापन व लेखन कार्य
9736296410

Thursday, March 30, 2017

हिमाचल मंत्री मंडल ने लिए ये ऐतिहासिक फैसले

हिमाचल में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के लिए इंटरव्यू खत्म, शिक्षकों के भरे जाएंगे 5 हजार पद

हिमाचल सरकार ने तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए इंटरव्यू खत्म कर दिए हैं। प्रदेश में अब सरकारी नौकरियों में इन दोनों श्रेणियों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की केवल लिखित परीक्षा ली जाएगी। वीरवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हजारों पैट और पैरा शिक्षकों को रेगुलर स्केल देने का भी निर्णय लिया गया है।
टीजीटी और सीएंडवी के 3900 पदों समेत करीब 5000 पद भरे जाएंगे। बाबा रामदेव की साधुपुल स्थित जमीन की लीज को बहाल करने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। यह फैसला बाबा रामदेव की ओर से हाईकोर्ट में दायर केस वापस लेने के बाद लिया गया है। वीरवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में देर रात तक चली हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फै सले हुए।

ये भी फैसला लिया गया कि प्रदेश में शराब के जितने भी ठेके नीलाम नहीं हुए हैं, वे सभी बीवरेज कॉरपोरेशन के पास चले जाएंगे। एचपीएफएस काडर को भी रिव्यू करने को स्वीकृति दी गई। 160 के काडर में वन निगम के लिए अधिकारियों की संख्या को कम किया जाएगा। वन विभाग में अधिक अधिकारी होंगे।
आबकारी विभाग में ईटीओ के 13, ईटीआई के 13, डीटीसी और एटीसी स्तर पर भी कुछ पदों को भरने को मंजूरी दे दी है। कांगड़ा स्थित पुराने चामुंडा माता मंदिर के जीर्णोद्धार को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। एडीबी के सहयोग से इस मंदिर का छह करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार होगा। कैबिनेट ने कई विधेयकों के प्रारूपों को भी मंजूरी दी।
लाखों उपभोक्ताओं को भी तोहफा
प्रदेश सरकार ने रियायती राशन के लाखों उपभोक्ताओं को भी तोहफा दिया गया है। हिमाचल सरकार अब डिपो में सात दालों की सप्लाई करेगी। इनमें से उपभोक्ता अपनी च्वाइस की तीन दालें डिपो से ले सकेंगे। वर्तमान में डिपो में तीन दालों की सप्लाई होती है।
यह पहली बार हुआ है कि डिपो में सात दालों की सप्लाई होगी। च्वाइस की ये तीन दालें मई महीने से मिलनी शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा बीपीएल और अन्य श्रेणियों को पीसा हुआ आटा देने को स्वीकृति दी गई। 10 किलो की पैकिंग में आटा देने को भी मंजूरी दे दी गई। एकल नारियों और अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों में भी एपीएल श्रेणी के बराबर राशन देने की स्वीकृति दी गई।

आशीष बहल चुवाड़ी जिला चम्बा

इन्होंने बढ़ाई तिरंगे की शान फिर भी हैं गुमनाम

भारत को आप पर गर्व है जय हिंद
                 हिमाचली दिव्यांग खिलाड़ी
तुफानो से डर कर कभी नोका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नही होती,जीतना है तो कर संघर्ष क्योंकि कुछ किये बिना कभी जय जय कार नहीं होती
भारत में नई सरकार बनने के बाद दिव्यांग जनों के लिए बहुत कुछ अच्छा हो रहा है और उम्मीद है आगे और बेहतर होगा।भारत के महान दिव्यांग खिलाड़ियों ने वह कर दिखाया है जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है। खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रिया में हुए ‘विंटर स्पेशल ओलिंपिक गेम्स’ में 73 मेडल जीत कर देश का नाम ऊँचा किया है। खास बात ये रही कि इन खिलाड़ियों में हिमाचल के 18 एथलीट शामिल थे जिन्होंने 21 मेडल अपने नाम किये जो कि हिमाचल के लिए फक्र की बात है। हमे सरकार से उम्मीद है कि बहुत जल्द इन्हें सम्मानित करे जिससे इन्हें इनका सही हक़ मिल सके।

स्पेशल विंटर ओलिपिंक गेम्स में भारत के इस शानदार प्रदर्शन पुरे विश्व में भारत को नई पहचान मिली है और इन दिव्यांग भाइयों और बहनों ने बता दिया कि चाहे भगवान ने उनमें कुछ कमी रखी हो परन्तु उन्होंने भारत का सर ऊँचा रखने में कोई कमी नहीं रखी।
भारत के नाम 73 मैडल:-

 इस खेल में भारतीय एथलीटों ने 37 गोल्ड, 26 ब्रॉन्ज और 10 सिल्वर मेडल अपने नाम किए। और भारत का झंडा गर्व से ऊँचा किया। भारत इनके इस महान कार्य के लिए सदा आभारी रहेगा।
             सभी भारतीय खिलाड़ी
हिमाचल के विभिन्न जगहों से खिलाड़ी:-
पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल से गए 18 खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। कांगड़ा और चंबा के के तीन एथलीटों ने 5 मेडल जीते। जिला चम्बा के संजय कुमार ने स्नो बोर्डिंग में 2 गोल्ड मैडल जीते। संजय मानसिक रूप से विकलांग है।
संजय पैराडाइज़ चिल्ड्रन केअर सेंटर चुवाड़ी का छात्र है बहुत गरीब परिवार से सम्बद्ध रखने वाला संजय इससे पहले 2013 के स्पेशल ओलम्पिक जो कि साउथ कोरिया में हुआ था 2 गोल्ड मैडल जीत चुका है। संजय को नोकरी की सख्त आवश्यक्ता है उम्मीद है कि इस बार संजय को कुछ तोहफा हिमाचल सरकार दे।
कांगड़ा के गग्गल निवासी राजेश ने हॉकी में गोल्ड, रजियाणा की रहने वाली ज्योती ने स्नो-शूइंग में एक सिल्वर तथा एक ब्रांज जीता।
                    अभ्यास सत्र के दौरान खिलाड़ी
भारत सरकार करेगी सम्मानित:-
भारत सरकार की तरफ से
गोल्ड मेडल के लिए 5 लाख
सिल्वर के लिए 3 लाख 
ब्रॉन्ज के लिए 1 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
दिल्ली स्पेशल ओलिंपिक ने खेलों में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को 300 डॉलर प्रति खिलाड़ी देने का ऐलान किया है।

हिमाचल सरकार से आग्रह है कि वो भी अपने खिलाड़ियों का मोल समझे और इन दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए कुछ प्रोत्साहन के तौर पर उपलब्ध करवाए।
लेखक परिचय
आशीष बहल चुवाड़ी जिला चम्बा हि प्र
अध्यापन व लेखन कार्य

Tuesday, March 28, 2017

अपंगता को हरा चुवाड़ी का संजय बना ओलम्पिक विजेता

संजय को मिले उसका हक़ आओ आवाज उठायें।
                

संजय और कंचन ऑस्ट्रिया से लौटने के बाद
कहते हैं कि सपने उसी के पुरे होते हैं जिसके सपनो में जान होती है,
पँखो से कुछ नहीं होता दोस्तो हौंसलो से उड़ान होती है

कुछ ऐसी ही उड़ान भरी है चुवाड़ी के संजय कुमार ने स्पेशल विंटर ओलिंपिक में स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिता में 2 गोल्ड मैडल जीत कर। ऑस्ट्रिया के ग्रास शहर में 14 मार्च से 25 मार्च तक चले स्पेशल ओलिंपिक में विश्व के बहुत से देशों ने हिस्सा लिया संजय कुमार ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए 2 गोल्ड मैडल अपने नाम किये। जब कोई महान कार्य करता है तो उसके बचपन को याद किया जाता है और लिखा जाता है कि बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी पर यंहा संजय के लिए बिलकुल उल्टा है संजय बचपन से ही मन्दबुद्धि था और यही श्राप उसने अपने लिए बरदान बना लिया। एक ही कक्षा में कई बार फेल होने वाला संजय सिर्फ पांच कक्षा ही पढ़ पाया। और हमेशा उपहास का केंद्र रहा। ज़िन्दगी से लड़ते लड़ते और लोगो की गालियां सुनता संजय चुवाड़ी की गलियों में बड़ा होता गया। घर की आर्थिक हालत ठीक न होने की वजह से मजदूरी करता रहा। अंत्योदय परिवार से सम्बंधित संजय ने पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो बाधाएं रोक नहीं पाती।
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मानसिक अपंगता का शिकार:-

संजय कुमार बचपन से ही मानसिक अपंगता का शिकार है इसीलिए इसका मानसिक विकास नहीं हो पाया और स्वभाव में बिलकुल भोला भाला संजय जुबान से भी लड़खड़ाता है। परन्तु इतनी मुश्किल के बाद भी संजय ने हार नहीं मानी और दो बार भारत का अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर सफल नेतृत्व कर चुका है।

2013 में दो गोल्ड मैडल:-

2013 में साउथ कोरिया में स्पेशल विंटर ओलिंपिक में भी संजय अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चूका है। 2013 में संजय कुमार ने स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिता में दो गोल्ड मैडल जीत चूका है।

मुस्लिम परिवार से सम्बंधित :-

संजय कुमार धर्म की बेड़ियों में बंधा नहीं है इसलिये मुस्लिम जुलाहा परिवार से सम्बंधित होने के बाबजूद भी नाम हिन्दू ही है। पिता का नाम लिखो और माता का देहांत हो चूका है। संजय कुमार को वैसे तो बोलने में समस्या है परंतु भजन गाने में संजय का कोई मुकाबला नहीं और भजन और माता के जगराते गाते समय संजय की जुबान जरा भी नहीं लड़खड़ाती।
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दोस्तों में मशहूर है "चमकीला":-

संजय को उसके दोस्त चमकीला के नाम से जानते है मैं भी संजय के साथ पढ़ा हूँ जब हम संजय के साथ पढ़ते थे तो संजय बहुत अच्छे गाने सुनाता था इसीलिए इसका नाम चमकीला पड़ गया। आज हम संजय के दोस्त आज गर्व से कहते हैं कि हम संजय के साथ पढ़े है और आज चमकीले की चमक पुरे विश्व में है।
पैराडाइज़ स्कूल ने तराशा हीरा:-
                  पैराडाइज़ के गुरुओं संग संजय
कहते हैं कि बिना गुरु ज्ञान नहीं और किसी व्यक्ति में क्या प्रतिभा है ये विद्यालय में ही निखर कर सामने आती है। पैराडाइज़ चिल्ड्रन केअर सेंटर चुवाड़ी को इसका पूरा श्रेय जाता है जिस तरह उन्होंने संजय जैसे सैंकड़ो दिव्यांग जनों को जीने की राह दिखाई।समाज से कट चुके लोगों को पैराडाइज़ चिल्ड्रन सेंटर में पढ़ाया लिखाया जाता है। 2007 से चुवाड़ी में चल रहा है ये सेंटर और 2008 में जब संजय यंहा वँहा मजदूरी करता था तब इस सेंटर के एम् डी श्री अजय जी के सम्पर्क में आया संजय और फिर शुरू हुआ संजय के सर्वांगीण विकास का सफर।
अन्य बच्चो ने भी ऊँचा किया है नाम:-

संजय की तरह कुछ और बच्चो को भी ये सेंटर विश्व स्तर पर परिचित करवाने में लगा है। सुलोचना देवी मानसिक रूप से अक्षम ये बेटी लॉस एंजेलिस में 2015 में पावर लिफ्टिंग में गोल्ड मैडल जीत चुकी है। इस बार संजय के साथ एक बेटी और गयी थी पैराडाइज़ चिल्ड्रन सेंटर से कंचन देवी अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी दुर्भाग्यबश इस बार जीत न पायी।
पैराडाइज़ स्कूल में ही चपड़ासी का काम:-

संजय कुमार इस समय पैराडाइज़ स्कूल में जी चपड़ासी का काम कर के अपनी आजीविका कमा रहा है।इसी संस्थान ने संजय को अपने ही स्कूल में नोकरी दी है ताकि संजय को यंहा वँहा भटकना न पड़े।
क्या कहते है संस्थान के एमडी:-

संसथान के एमडी अजय चंबियाल जी का कहना है कि ऐसे दिव्यांग बच्चो को भी वैसा ही सम्मान और हक़ मिलना चाहिए जो आम खिलाडी को मिलता है ये बच्चे विकट परिस्थिति में खेल कर देश का नाम चमका रहे हैं। हमे ऐसे बच्चों पर गर्व है।

आरएफसी क्लब सम्मानित कर चुका है:-
आरएफसी क्लब शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वाला क्लब आरएफसी चुवाड़ी संजय को 2013 के गोल्ड मैडल जितने पर तथा इसी संसथान की सुलोचना को गोल्ड मैडल जितने पर सम्मानित कर चुका है। क्लब के सचिव कनव शर्मा ने सरकार से मांग की है कि ऐसे बच्चो का भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए इन्हें नोकरी दी जाये ताकि ये समाज में सम्मान जनक तरीके से जी सकें।
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संजय कुमार निकट भविष्य में भी इसी तरह के कारनामे करता रहे यही कामना पूरा भारत वर्ष करता है। संजय ने ये साबित कर दिया कि यदि मेहनत की जाये और संघर्षो से न घबराए तो कोई राह मुश्किल नहीं।
 कौन कहता है आसमान पर छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
लेखक परिचय
आशीष बहल चुवाड़ी जिला चम्बा
अध्यापक और लेखन
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Friday, March 10, 2017

हिमाचल बजट की कुछ मुख्य घोषणाएं और खास बातें।

आखिरी बजट में CM का बड़ा ऐलान: 1000 रुपए मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपना 20वां और इस सरकार का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि क्या है बजट 2017-18 की खास बातें।
 

जानिए, बजट 2017-18 की खास बातें
- बेरोजगार युवकों को मिलेगा बेरोजगारी भत्ता
- दसवीं और 12वीं पास को मिलेगा 1 हजार प्रति माह
- दिव्यांगों को मिलेगा 1500 रुपए प्रति माह 
- 650 स्कूलों में वोकेशनल लोबेरेटरी होगी अपग्रेड
- 12 कॉलेजों में शुरू होंगे बी-वोकेशनल कोर्स
- इसके लिए बजट में 39 करोड़ रुपए का प्रावधान
- 850 स्कूलों में मिल रही वोकेशनल शिक्षा
- 57 हजार विद्यार्थी ग्रहण कर रहे वोकेशन शिक्षा
- बेटी है अनमोल योजना का बजट बढ़ा, 5001 से बढ़ाकर राशि 10,000 करने का प्रस्ताव
- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का बजट बढ़ा, राशि 25000 से बढ़ाकर 40,000 करने का प्रस्ताव
- बजट के दौरान मुख्यमंत्री ने शेयर भी पढ़ा, डर मुझे भी लगा फासला देखकर, मगर मैं बढ़ता गया रास्ता देखकर, खुद ब खुद मंजिल पास आती रही मेरा हौसला    देखकर
- बीमार लोगों के लिए मुफ्त बस सेवा 
- 154 करोड़ से राजीव गांधी सिंचाई योजना शुरू की
- 1134 करोड़ हिमाचल हॉर्टिकल प्रोजेक्ट के लिए नाबार्ड ने दिए
- पिछले 4 सालों में बनाए गए 40 हजार घर 
- 13716 हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधाएं दी गई
- कर्माचारियों को 2455 करोड़ रुपए के अतिरिक्त लाभ दिए गए
- पेंशनर्स को 910 करोड़ के लाभ पिछले 4 सालों में दिए गए
- धर्मशाला को लाया गया स्मार्ट सिटी के तहत 
- शिमला और कुल्लू को अमृत योजना के तहत लाया गया
- मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में कहा- मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है इतनी मुश्किल सहकर भी यह सीधा कैसे चलता है
- एंटी हेल नेट पर सब्सिडी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत की गई
- सभी विभागों में सर्वे किया जाएगा कि कितने लोग फील्ड पर जाते हैं और कितने सचिवालय कार्यालय में आते हैं 
- सभी विभागों को पूछा जाएगा कि लोगों को घर पर सुविधाएं देने के लिए क्या किया जाए 
- प्रशासन जनता के द्वार की तर्ज पर काम करने को तैयार
- नोटबंदी के बाद राष्ट्रीय विकास पिछले सालों की तुलना में खराब हुआ 
- केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक विकास दर 7.9 के मुकाबले 7.1 पहुंची
- 1946 में भी विमुद्रीकरण की नीति अपनाई गई थी, जिसे बाद में रद्द करना पड़ा  
- बिना तैयारी के ही 2016 में विमुद्रीकरण किया गया
- लोगों को मुश्किले हुईं जो आज भी जारी है
- सभी क्षेत्रों पर इसका बुरा असर पड़ा, व्यापार, उत्पादन में गिरावट आई 
- किसानों की आय में भी कमी आई  
- देश को इससे उबरने में कई साल लगेंगे
- हिमाचल देश के लिए विकास का एक मॉडल है
- 7.4 फीसदी की दर से पिछले 4 सालों में विकास हुआ
- प्रति व्यक्ति आय को 147277 करने का लक्ष्य
- मुख्यमंत्री ने कुल 5700 करोड़ पेश किया बजट 
- 1000 करोड़ अनुसूचित जाति, 538 और 70 करोड़ पिछड़ा क्षेत्र के लिए हमारा कर्ज चिंता का विषय रहा है
- हमारा कर्ज मार्च 2016 तक 38,568 करोड़
- 2017-18 में हमारा ब्याज 3500 करोड़ होगा
- मुख्यमंत्री ने एक और पढ़ा शेयर, अपनी उलझनों में ही अपनी मुश्किलों के हल मिलते हैं, जैसे टेड़ी-मेढ़ी शाखाओं पर ही रसीले फल मिलते हैं
- विधायक निधि की राशि को 1 करोड़ से बढ़ाकर किया 1 करोड़ 10 लाख रुपए 
- हमने ई-गवर्नमेंट शुरू कर टेंडर प्रक्रिया को किया ऑनलाइन 
- 100 फीसदी आधार एनरोलमेंट से लोगों को हुआ फायदा 
- शिमला में टेक्नोलॉजी पार्क बनेगा जिससे 400 युवाओं को रोजगार मिलेगा
- तिब्बतियों को भी सस्ता राशन मिलेगा, इसके लिए 220 करोड़ रुपए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के लिए
- पीडीएस के तहत डिजिटल राशन कार्ड जारी होंगे
- वर्ल्ड बैंक ने हॉर्टिकल्चर प्रोजेक्ट के लिए 1144 करोड़ रुपए दिए
- इसके तहत ऑटोमेटिक पैकेजिंग, कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग प्लांट पर ज्यातादर राशि खर्च होगी
- रोहडू और कुल्लू में इसके लिए बाजार स्थापित किया जाएगा
-  वेदर रिकॉर्डिंग सिस्टम प्रदेशभर में शुरू किए जाएंगे, जिससे किसानों को फसल बीमा का मिलेगा सही लाभ  
- वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस की शुरूआत की घोषणा
- मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना की घोषणा
- कीवी फ्रूट्स के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
- योजना के तहत 50 फीसदी सब्सिडी कीवी फलों की खरीद-बिक्री में दी जाएगी
- कीवी प्रोत्साहन योजना के लिए 4 करोड़ रुपए का बजट 
- किसानों को प्लास्टिक ट्रे पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी
- नर्सरी उत्पादन और इंडोर प्लांट के लिए नई योजना
- ई-मार्केटिंग की शुरुआत जिला स्तर पर होगी, जिससे हॉर्टिकल्चर फसल को हेलस्टॉर्म से बचाया जा सके
- सॉयल हेल्थ मैनेजमेंट, प्रूनिंग, पॉलीहाउस के लिए शॉर्ट टर्म कोर्सेस होंगे शुरू 
- 3 करोड़ रुपए के बजट से ग्रामीण युवाओं को दिया जाएगा इसका प्रशिक्षण 
- हॉर्टिकल्चर विभाग के लिए 424 करोड़ रुपए 
- 25 लाख रुपए तक की सॉयल टेस्टिंग लैब को 40 फीसदी सब्सिडी 
- मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना की शुरुआत की गई, इस योजना के तहत सोलर फेंसिंग पर सब्सिडी को 60 फीसदी से 80 फीसदी करने का प्रावधान
- सीएम वीरभद्र सिंह का शायराना अंदाज, हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाए, बहुत चिराग बुझाती है एक जलाकर तो दिखाए
- किसान स्वरोजगार योजना पॉलीहाउस लगाने के लिए शुरू की
- 5 साल बाद पॉलीहाउस को बदलने पर 50 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी
- न्यू मुख्यमंत्री ग्रीन हाउस रेनोवेशन स्कीम
- किसानों को सब्सिडी सीधे उनके खातों में मिलेगी
- ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए बायो पेस्टिसाइज
- 200 बायो विलेज्स साल 2017-18 में बनाए जाएंगे जिसमें ऑर्गेनिक खेती होगी
- बेस्ट ऑर्गेनिक फार्म को 5 लाख, 3 लाख और 1 लाख का इनाम दिया जाएगा
- ये पुरस्कार न्यू जैविक खेती पुरस्कार योजना के तहत दिए जाएंगे
- जैविक खेती के अधीन 2000 हैक्यटेयर क्षेत्र लाने का रखा लक्ष्य, 20 हजार बर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने का रखा लक्ष्य
- पशु पालकों के लिए शुरु होगी हेल्पलाइन
- पशुओं की बीमारी पर मिलेगी सहायता
- मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना की अनुदान राशि 60 फीसदी से बढ़ाकर 80 फीसदी बढ़ी
- विदेशी और ऑफ सीजन सब्जियों की पैदावार को देंगे बढ़ावा 
- 1165 करोड़ का बागवानी विकास प्रोजेक्ट किया लांच
- मिल्क प्रोसेसिंग और चिलिंग के लिए मिलेगी 75 फीसदी सब्सिडी
- विदेशी और ऑफ सीजन सब्जियों की पैदावार को देंगे बढ़ावा 
- मिल्कफैड को दूध बेचने वाले पशुपालकों को तोहफा
- अगले वित्त वर्ष से दूध की कीमत में बढ़ौतरी का किया ऐलान, प्रति लीटर एक रुपए कीमत बढे़गी
- इस साल बनाए जाएंगे 100 ट्राऊट यूनिट, अभी तक 6011 ट्राउट मच्छली यूनिट प्रदेश में, नए यूनिट बनाने के लिए सरकार देगी सहायता
- प्रदेश में मच्छली पालन को मिलेगा और बढ़ावा, 12 हजार से अधिक मच्छुआरे मछली पालन से जुड़े हैं, राज्य में 1 हजार ट्राउट यूनिट स्थापित होंगे
- आवारा पशुओं की पहचान के लिए टैटूज का इस्तेमाल होगा
- पशुपालन विभाग के लिए 374 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान
- राज्य में 13 हजार वर्ग किलो मीटर बढ़ा फारेस्ट कवर
- फेंसड वानर वाटिका शिमला के तारादेवी में स्थापित की जाएगी, जिसमें आवारा बंदरों को रखने की व्यवस्था होगी
- पौंग डैम में पर्मानेंट बर्ड मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू होगा
- हिमाचल प्रदेश एन्वायरमेंट लीडरशिप अवॉर्ड शुरू किए जाएंगे
- पर्यावरण संरक्षण के लिए ये पुरस्कार दिए जाएंगे
- इसमें 1 लाख रुपए का पुरस्कार, 50 हजार रुपए का पुरस्कार और 25 हजार रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे
- 500 इको विलेज शुरू किए जाएंगे
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिमला में खोलेगा क्षेत्रीय कार्यशाला
- जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए मिलेगी सुविधा
- जिला परिषद और पंचायत समितियों के लिए धन का किया प्रावधान
- प्रदेश सरकार ने 2017-18 के लिए 42 करोड़ रुपए का किया प्रावधान
- राज्य में 13 वर्ग किलोमीटर बढ़ा फारेस्ट कवरट
- नई मुख्यमंत्री जीवनयापन योजना होगी शुरु
- योजना को लिए 10 करोड़ का प्रावधान
- लोन के ब्याज पर मिलेगी छूट
- प्रदेश में 4 लाख स्वाइल हेल्थ कार्ड बनाए गए
- हमीरपुर जिला देश में रहा अव्वल
- स्वाइल हेल्थ लैब को और उपयोगी बनाया जाएगा
- सोशल ऑडिट योजना की घोषणा, सभी विभागों को हर माह देनी होगी प्रोग्रेस रिपोर्ट
- सरकार गुणवत्ता युक्त साफ पानी देने के लिए प्रतिबद्ध है
- 512 फिल्ट्रेशन यूनिट स्थापित किए जाएंगे
- 31 मार्च 2017 तक स्थापना सुनिश्चित होगी
- प्रदेश में टूरिज्म पार्क बनाने की घोषणा। कनलोग, सराहन, कुल्लू, कसोल, धर्मशाला, पांवटा में बनेंगे पार्क
- प्राकृतिक धरोहरों को संजोए रखने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिमला में खोलेगा कार्यशाला
- पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के लिए एनवायरमेंट लीडरशीप अवार्ड की घोषणा, विजेता को एक लाख रुपए और ट्रॉफी देने का ऐलान
- बीपीएल परिवारों के लिए बोर्ड लगाने के लिए दो महीने का वक्त, बोर्ड न लगाने पर हटेगा सूची से नाम
- उद्योगों के विकास के लिए उद्योगों को एंट्री टैक्स, विद्युत ड्यूटी, चेंज इन लैंड यूज चाजेर्ट, स्टेंप ड्यूटी में छूट दी जा रही है
- हैंडलूम क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए योजना की शुरूआत, 193 करोड़ योजना के लिए रखे गए 
- शहरी इलाकों में पार्किंग के लिए 50 फीसदी ग्रांट देगी सरकार
- अटल मिशन और अमृत मिशन योजना के तहत राज्य सरकार ने राशि बढ़ाकर 50 करोड़ की
- अर्बन लोकल बॉडीज को सरकार ग्रांट देगी, बजट में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान
- वीरभद्र का शायराना अंदाज-ऐ मेरे परिंदे यूं जमीन पर बैठकर क्यों आसमान को देखता है,पंखों को खोल क्योंकि जमाना सिर्फउड़ान देखता है।
शिमला। इस सरकार का यह आखिरी बजट वाटर गार्डों, पंचायत चौकीदारों, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व एसएमसी अध्यापकों कंप्यूटर टीचर तथा आउटसोर्स कर्मचारियों आदि के लिए कुछ राहत लेकर आया है। प्रदेश सरकार ने इनके मानदेय व सहायता अनुदान में बढ़ोतरी की सौगात दी है। वहीं,  कंप्यूटर टीचर तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक माह में समुचित नीति बनाई जाएगी। बजट भाषण में सीएम वीरभद्र सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि अब वाटर गार्डों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 1700 प्रति माह किया जाएगा।
वाटर गार्डों को 1500 की बजाए 1700 प्रति माह मिलेगा मानदेय
पंचायत चौकीदारों का सहायता अनुदान 2050 से बढ़ाकर 2550 प्रति माह
सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय 2300 से 2800 प्रतिमाह बढ़ाया जाएगा
मिड डे मील के तहत कार्यरत रसोईया एवं सहायक को राज्य कोष से मिलेंगे 200 प्रतिमाह
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को1000, सहायकों के अतिरिक्त मानदेय को 300 से बढ़ाकर 600 किया
पंचायत चौकीदारों का सहायता अनुदान 2050 से बढ़ाकर 2550 प्रति माह किया जाएगा तथा ग्राम पंचायत की सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय 2300 से 2800 प्रतिमाह बढ़ाया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं को उनके कार्यकलापों के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अब उन्हें कम से कम 800 की प्रोत्साहन राशि प्रतिमाह दी जाएगी। एसएमसी अध्यापकों का पारिश्रमिक 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
रसोईया एवं सहायक जो मिड डे मील स्कीम में कार्यरत हैं, को भारत सरकार द्वारा 1000 प्रति माह की दर से भुगतान किया जा रहा है। अब 200 प्रतिमाह की अतिरिक्त राशि राज्य कोष से मिलेगी। इससे 22,500 व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। बजट भाषण के दौरान सीएम ने कहा कि
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायकों को भारत सरकार द्वारा आईसीडीएस योजना के अंतर्गत तय किए हुए मानदेय के अतिरिक्त भी प्रदेश सरकार द्वारा मानदेय दिया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में राज्य सरकार द्वारा इस अतिरिक्त मानदेय को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 300 से बढ़ाकर 450 प्रति माह तक बढ़ाया गया था तथा सहायकों के लिए 200 से बढ़ाकर 300 प्रति माह बढ़ाया गया था। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त मानेदय को 450 से बढ़ाकर 1000 तथा सहायकों के अतिरिक्त मानदेय को 300 से बढ़ाकर 600 किया जाएगा, जिससे 36,800 कर्मियों को लाभ मिलेगा। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की समुचित आवासीय आवश्कताओं से अवगत है। वर्तमान मकानों को भी रख-रखाव की आवश्यकता है। 45 करोड़ की राशि के सरकारी कर्मचारियों के नए आवास निर्माण हेतु प्रस्तावित की गई है। सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ की राशि चिन्हित करना प्रस्तावित है। तहसीलों/उप-तहसीलों तथा राजस्व भवनों के निर्माण हेतु 10 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
गरीबों को आवास बनाने को मिलेंगे 1 लाख 30 हजार
शिमला। प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानियों, स्वतंत्रता सेनानियों की विधावाओं को मिलने वाली सम्मान राशि में इजाफा कर दिया गया है। इसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों की पुत्रियों के विवाह के समय दी जाने वाली विवाह अनुदान राशि को भी बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा राजीव आवास योजना व मुख्यमंत्री आवास योजना के अलावा अन्य आवास कल्याण योजना में मिलने वाली उपदान राशि में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। बजट भाषण में सीएम वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राजीव आवास योजना तथा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1,30,000 तक आवास उपदान की राशि बढ़ा दी है। अन्य आवास कल्याण योजनाओं के अन्तर्गत मिलने वाली उपदान राशि को 75,000 से बढ़ाकर 1,30,000 किया जाता है। वर्ष 2017-18 में आवासों के निर्माण के लिए 115 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। वहीं, मातृ शक्ति बीमा योजना के अन्तर्गत 10 से 75 वर्ष की लड़कियों, महिलाओं की अपंगता एवं मृत्यु होने पर 1 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाती है। मातृशक्ति बीमा योजना के अन्तर्गत इस आर्थिक राशि को 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख करने की घोषणा की गई है। यह लड़की, महिलाओं के मृत्यु के संदर्भ में अथवा उन के पतियों के मृत्यु, पूर्ण अपंग होने की स्थिति में दिया जाएगा। अंगविहीन होने पर 1 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। सीएम ने स्वतन्त्रता सेनानियों की सम्मान राशि को 10,000 से बढ़ाकर 15,000 करने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्वतन्त्रता सेनानियों की विधवाओं को मिलने वाली सम्मान राशि 5000 से बढ़ाकर 15,000 करने का ऐलान किया। स्वतन्त्रता सेनानियों की पुत्रियों के विवाह के समय दी जाने वाली विवाह अनुदान को 21,000 से बढ़ाकर 31,000 रुपए करने की भी घोषणा की। पुलिस कर्मियों के आवास के लिए 30 करोड़ और रख-रखाव के लिए 6 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित है।
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Sunday, March 5, 2017

Poem for soldiers

वीरों की शान निराली होती है। salute soldiers: http://youtu.be/_93oSpatDUg

Saturday, March 4, 2017

poem for our soldiers salute to our real hero

वीरों की शान निराली होती है

मेरे वतन की मिटटी में लहू की महक कैसे होती है, क्यों मिलती नही किसी को जमीं ए वतन और परिंदों की मलकियत सारे आस्मां पे होती है, कौन है जो लौट के घर नहीं आया, क्यों दरवाजे पे आज भी दीदार ए नज़र होती है

ए खुदा बता मुझे वतन पर कुर्बान होने वालों की जिद क्या होती है, क्यों फितरत इनकी हर वक्त मतवाली होती है , हैरान होगा ए खुदा तू भी जान कर , मेरे देश के इन सपूतों की तो शान निराली होती है, मेरे देश के इन सपूतों की तो शान निराली होती है,।

लिपट कर तिरंगे में बड़ी शान से आते है, हर वक्त हथेली पे इनके जान होती है, होते होंगे वतन को बेचने वाले चन्द "जयचन्द", मेरे सैनिक से तो देश की ऊँची शान होती है, देश के सपूतों की तो सरहद पर ईद और दिवाली होती है, मेरे देश के वीरों की शान निराली होती है, मेरे देश के वीरों की शान निराली होती है।

कह दो हवाओं से कि पैगाम उन तक पँहुचा देना , देश के गद्दारो को जरा समझा देना हर बार नहीं क्षमा यंहा स्वीकार होती है,
कोशिश चाहे लाख कर ले हिंदुस्तान की हस्ती न कभी खाक होती है, बन हिमालय खड़ा सिपाही इसी से तो  तिरंगे की पहचान  होती है, मेरे देश के सैनिक की तो सरहद पर ईद और दिवाली होती है, मेरे देश के वीरों की शान निराली होती है, मेरे देश के वीरों की शान निराली होती है।

खड़े सरहद पर हर दम, हर वक्त मौत सर पर सवार रहती है , मोत से ही दिल्लगी वतन से ही मोहब्बत होती है ,ऐसे वीरो से तो वतन की आबरु वतन की आन होती है, ऐसी अज़ब दास्ताँ  अज़ब ये कहानी होती है, देश के वीरों की शान निराली होती है देश के वीरों की शान निराली होती है।

आशीष बहल
चुवाड़ी जिला चम्बा